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Showing posts from April, 2025

पानी की एक्सपायरी डेट क्या है...⁉️*

*पानी की एक्सपायरी डेट क्या है...⁉️* *जहां नल का पानी हर दिन आता है, वहाँ पानी हर दिन बासी हो जाता है और हर दिन बहा (फेंक) दिया जाता है।* *एक्सपायरी तिथि 1 दिन* 🚰🚰🚰🚰🚰🚰🚰 *जहाँ 2 दिन में नल  आता है, वहाँ 2 दिन में पानी बासी हो जाता है,और बहा दिया जाता है।* 🦠🦠🦠🦠🦠🦠🦠 *जहां आठ दिन बाद पानी आता है, वहाँ आठ दिन बाद पानी बासी हो जाता है।* 🚰🚰🚰🚰🚰🚰🚰 *शादी समारोह में अगली बिसलरी का सामना होते ही हाथ में रखी पानी की आधी बोतल को फेंक दिया जाता है*‼️        *वहीं दूसरी ओर...* *_रेगिस्तान में यात्रा करते समय  पानी तब तक  ताजा रहता है, जब तक पानी दिखाई न दे_..….‼️* 🚰🚰🚰🚰🚰🚰🚰 *अगले मानसून तक बांध और तालाब में पानी ताजा बरकरार रहेगा, वहीं यदि सूखे की स्थिति बनती है, तो यह दो से तीन साल तक ताजा पानी बना रहता है...* 🚰🚰🚰🚰🚰🚰🚰 *जहां 50 फीट के बोरवेल से पानी निकाला जाता है, वह जमीन के नीचे सालों साल पुराना है ,यानी सैकड़ों साल पुराना पानी पीने के लिए सुरक्षित है‼️ एक्सपायरी डेट सैकड़ों साल तक भी नहीं आती है।* 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 *जहाँ 4...

रूस में एक शादी

रूस में एक शादी हाल ही में मैं मॉस्को, रूस में थी। जिस दिन मैं पार्क गई, वह रविवार था। हल्की बारिश हो रही थी और मौसम ठंडा था, जबकि गर्मी का मौसम था। मैं एक छाते के नीचे खड़ी होकर उस स्थान की सुंदरता का आनंद ले रही थी... तभी अचानक मेरी नजर एक युवक-युवती पर पड़ी। स्पष्ट था कि वे अभी-अभी शादी करके आए थे। लड़की करीब 25 साल की, पतली-दुबली, सुनहरे बालों और चमकती नीली आंखों वाली — बेहद सुंदर। लड़का भी लगभग उसकी ही उम्र का, बेहद आकर्षक और सैन्य वर्दी में था। दुल्हन ने सफेद साटन की एक सुंदर पोशाक पहनी थी, जिसे मोतियों और सुंदर लेस से सजाया गया था। दो छोटी ब्राइड्समेड्स (सहेलियाँ) उसके पीछे खड़ी थीं, जो उसकी ड्रेस का किनारा उठाए हुए थीं ताकि वह गंदी न हो जाए। एक छोटा लड़का उनके सिर पर छाता पकड़े खड़ा था, ताकि वे भीग न जाएँ। लड़की के हाथ में फूलों का गुलदस्ता था और दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे खड़े थे। दृश्य अत्यंत मनमोहक था। मैं सोचने लगी — बारिश में वे यहाँ पार्क क्यों आए हैं? शादी के बाद तो कोई उत्सव मनाने किसी और जगह जाता है! मैंने देखा कि वे दोनों पास के युद्ध स्मारक की ओर बढ़े, फूलों का गुलदस...

अपने बच्चों को दी जाने वाली 12 सबसे बेहतरीन विरासतें

अपने बच्चों को दी जाने वाली 12 सबसे बेहतरीन विरासतें.. 1. बुद्धिमत्ता (Wisdom) बुद्धिमत्ता स्कूलों में नहीं सिखाई जाती, यह जीवन के अनुभवों से प्राप्त होती है। माता-पिता ही सबसे अच्छे शिक्षक होते हैं। अपने बच्चों को मार्गदर्शन दें, अपने अनुभव साझा करें ताकि वे गलतियों से सीखने की बजाय समझदारी से आगे बढ़ें। 2. सामाजिक कौशल (Social Skills) जीवन रिश्तों का खेल है। बच्चों को आत्म-संयम, भाईचारे, विपरीत लिंग से व्यवहार, सही संगति चुनना, मित्रता बनाना और निभाना, संवाद करना आदि सिखाएं। ये कौशल उन्हें जीवनभर काम आएंगे। 3. परिवार के प्रति स्वस्थ दृष्टिकोण (Healthy View of Family) अगर आप अपने बच्चों के मन में शादी या परिवार के प्रति नकारात्मक सोच भरते हैं, तो उनका भविष्य प्रभावित हो सकता है। चाहे आप एक जोड़ा हों या अकेले माता-पिता, बच्चों को परिवार के महत्व की समझ दें। 4. अच्छी यादें (Good Memories) बचपन की यादें या तो जीवन को संबल देती हैं या कष्ट देती हैं। अपने बच्चों को ऐसा बचपन दें जिसे याद करके उन्हें खुशी मिले। उन्हें यह अनुभव कराएं कि इस दुनिया में अच्छे लोग हैं — जैसे उनके माता-पिता। 5. मा...

पाँच लाख श्लोकों वाले महाभारत का सार

पाँच लाख श्लोकों वाले महाभारत का सार मात्र नौ पंक्तियों में समझें: ~ चाहे आप हिन्दू हों या किसी अन्य धर्म से, ~ चाहे आप स्त्री हों या पुरुष, ~ चाहे आप गरीब हों या अमीर, ~ चाहे आप अपने देश में हों या विदेश में, संक्षेप में, यदि आप मनुष्य हैं, तो नीचे दिए गए महाभारत के अनमोल "9 मोती" अवश्य पढ़ें और समझें: 1. यदि आप समय रहते अपने बच्चों की अनुचित माँगों और इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रखते, तो आप जीवन में असहाय हो जाएँगे... *"कौरव"* 2. आप कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, यदि आप अधर्म का साथ देंगे, तो आपकी शक्ति, शस्त्र, कौशल और आशीर्वाद सब बेकार हो जाएँगे... *"कर्ण"* 3. अपने बच्चों को इतना महत्वाकांक्षी न बनाएँ कि वे अपने ज्ञान का दुरुपयोग करके सर्वनाश कर दें... *"अश्वत्थामा"* 4. कभी भी ऐसा वचन न दें कि आपको अधर्मियों के सामने समर्पण करना पड़े... *"भीष्म पितामह"* 5. धन, शक्ति, अधिकार और सत्ता का दुरुपयोग  गलत काम करने वालों का साथ अंततः पूर्ण विनाश की ओर ले जाता है... *"दुर्योधन"* 6. सत्ता की बागडोर कभी भी अंधे व्यक्ति को न सौंपें, अर...

सुंदरकांड में एक बहुत ही खूबसूरत प्रसंग

सुंदरकांड में एक बहुत ही खूबसूरत प्रसंग : अवश्य पढ़ें ! “मैं न होता, तो क्या होता?” “अशोक वाटिका" में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ पड़ा तब हनुमान जी को लगा कि इसकी तलवार छीन कर, इसका सिर काट लेना चाहिये! किन्तु, अगले ही क्षण, उन्होंने देखा  "मंदोदरी" ने रावण का हाथ पकड़ लिया ! यह देखकर वे गदगद हो गये! वे सोचने लगे, यदि मैं आगे बढ़ता तो मुझे भ्रम हो जाता कि  यदि मैं न होता, तो सीता जी को कौन बचाता? बहुधा हमको ऐसा ही भ्रम हो जाता है, मैं न होता तो क्या होता ?  परन्तु ये क्या हुआ? सीताजी को बचाने का कार्य प्रभु ने रावण की पत्नी को ही सौंप दिया! तब हनुमान जी समझ गये,कि प्रभु जिससे जो कार्य लेना चाहते हैं, वह उसी से लेते हैं! आगे चलकर जब "त्रिजटा" ने कहा कि "लंका में बंदर आया हुआ है, और वह लंका जलायेगा!"  तो हनुमान जी बड़ी चिंता मे पड़ गये, कि प्रभु ने तो लंका जलाने के लिए कहा ही नहीं है और त्रिजटा कह रही है कि उन्होंने स्वप्न में देखा है, एक वानर ने लंका जलाई है! अब उन्हें क्या करना चाहिए? जो प्रभु इच्छा! जब रावण क...